Sunderkand Padhne Ke Fayde: सुंदरकांड पढ़ने के फायदे बहुत सारे हैं, उसके बारे में हम आपको इस ब्लॉग में आगे बता चुके हैं। लेकिन उसके फायदे जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि सुंदरकांड क्या है और सुंदरकांड का महत्व क्या है। आखिर क्यों लोग इसे पढ़ते हैं, इसे पढ़ने से व्यक्ति को क्या-क्या फायदे मिलते हैं, इन सभी के बारे में आज हम आपको इस ब्लॉग में बताने वाले हैं, तो बने रहिए हमारे साथ और इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़िए।
सुंदरकांड क्या है?
सुंदरकांड, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामायण का पांचवां भाग है। यह रामायण का एक छोटा सा हिस्सा है और इसी रामायण का एक महत्वपूर्ण भाग भी है। इसमें हनुमान जी की प्रतिभा, वीरता और शक्ति का प्रदर्शन किया गया है। इसके साथ ही प्रभु श्री राम, माता सीता और लंका के बारे में भी बहुत कुछ बताया गया है। सुंदरकांड का पाठ हिंदू धर्म ग्रंथों में बहुत महत्वपूर्ण है और इससे व्यक्ति को बहुत सारे लाभ मिलते हैं।
सुंदरकांड का महत्व
सुंदरकांड का महत्व अत्यंत उच्च है। यह रामायण के महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है जो व्यक्ति को अनेक महत्वपूर्ण सीखें देता है। इसे पढ़ने से व्यक्ति के अंदर एक अलग सी ऊर्जा निर्माण होती है जो उन्हें हर मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालने की क्षमता प्रदान करती है। सुंदरकांड के अध्यायों में हनुमान जी की वीरता, साहस और भक्ति का वर्णन मिलता है कि कैसे हनुमान जी अपनी मुश्किलों का सामना करके युद्ध किया था। कुल मिलाकर कहें तो सुंदरकांड हमें बताता है कि भक्ति और विश्वास की शक्ति से किसी भी कठिनाइयों को पार किया जा सकता है।
सुंदरकांड पढ़ने के फायदे – Sunderkand Padhne Ke Fayde
1) मन को शांति मिलती है
सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के मन को शांति मिलती है। सुंदरकांड के अध्यायों में भगवान हनुमान जी की भक्ति और शक्ति का वर्णन बहुत किया गया है, जिसे पढ़ने से व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है और मन शांत होता है।
2) भय से मुक्ति मिलती है
सुंदरकांड के अध्यायों में हनुमान जी का साहस और वीरता का वर्णन किया गया है। इसे पढ़ने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ने लगता है और भय या डर जैसी चीजें दूर होने लगती हैं। यदि आपको अंधेरे से या किसी जगह से डर लगता है तो आप सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। इससे आपको भरपूर फायदा होगा।
3) स्वास्थ्य में सुधार होता है
जी हां दोस्तों, सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। सुंदरकांड के कई श्लोकों में हनुमान जी की शक्तियों और चमत्कारों का वर्णन किया गया है। यदि इसे कोई कमजोर व्यक्ति पढ़ता है तो उसके स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है। यदि आपको कोई भी स्वास्थ्य समस्या है तो आपको सुंदरकांड का पाठ करने की सलाह दी जाती है।
4) मनोबल में रिद्धि होती है
यदि आप सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो आपके मनोबल में बढ़ोतरी होगी। आपका मनोबल पहले से मजबूत होगा। आपके संघर्षों से निपटने की क्षमता मिलती है। यदि आप हमेशा किसी न किसी परेशानी से घिरे रहते हैं तो आपको सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसका पाठ करने से आपकी सभी परेशानियां धीरे-धीरे दूर होंगी।
5) शनि से मुक्ति मिलती है
यदि आपके ऊपर शनि की साडेसाती चल रही है या आपके ऊपर शनि की क्रूर दृष्टि पड़ चुकी है और आप उस प्रभाव को कम करना चाहते हैं तो आपको सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ करने से आपको शनि से संबंधित परेशानियों से मुक्ति मिलती है, क्योंकि शनि देव ने हनुमान जी से कहा था कि जो भी व्यक्ति तुम्हारी पूजा करेगा उस पर मेरी क्रोध दृष्टि नहीं पड़ेगी और वह व्यक्ति साडेसाती से मुक्त होगा। इसीलिए आप सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें।
6) इच्छाओं की पूर्ति होती है
जी हाँ, दोस्तों, सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के मन में कोई भी इच्छा हो और वह उस इच्छा को जल्द से जल्द पूरा करना चाहता हो, तो उसे सुंदरकांड का पाठ करने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि जब हम भगवान हनुमान जी की पूजा करते हैं और सुंदरकांड का पाठ करते हैं, तो वह हमारे पास आते हैं और हमारी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
7) आत्मविश्वास बढ़ता है
जी हाँ, सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। सुंदरकांड के अध्यायों में भगवान हनुमान जी के महान कार्यों का वर्णन है। उनके साहस और पराक्रम को पढ़कर आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। जिन लोगों के अंदर आत्मविश्वास नहीं है और वह हमेशा डरे रहते हैं, उन्हें सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
8) धार्मिक ज्ञान का विस्तार होता है
जी हाँ, दोस्तों, सुंदरकांड का पाठ करने से धार्मिक ज्ञान का विस्तार होता है। जिस व्यक्ति में धार्मिक ज्ञान की कमी हो, उसे सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए, क्योंकि सुंदरकांड के अध्यायों में भगवान राम और हनुमान जी के गुण, धर्म का महत्व और भक्ति के मार्ग का वर्णन किया गया है। इसके अलावा, सुंदरकांड में रामायण की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण है। इसे पढ़ने से व्यक्ति के धार्मिक ज्ञान में विस्तार होगा।
9) कार्यों में आ रहे संकटों से मुक्ति मिलती है
जी हाँ, दोस्तों, सुंदरकांड का पाठ करने से कार्यों में आ रहे विघ्न दूर होते हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे हनुमान जी अपने रास्ते में आने वाले संकटों का नाश करके कैसे आगे बढ़े हैं। इसे पढ़ने से हनुमान जी की तरह विघ्नों को दूर करने की शक्ति का अनुभव होता है। इसीलिए सुंदरकांड का पाठ करने से हमारे कार्यों में आ रहे विघ्न दूर होते हैं।
10) ग्रहों के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिनकी कुंडली में ग्रहों का दुष्प्रभाव है, उन्हें सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। भगवान हनुमान जी को सभी देवताओं से वरदान मिला है। इसीलिए, यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, तो आपको डरने की जरूरत नहीं है, आप सुंदरकांड का पाठ करके उस नकारात्मक प्रभाव को सकारात्मक में बदल सकते हैं।
सुंदरकांड पढ़ने के महत्वपूर्ण नियम
- सुंदरकांड का पाठ करने से पहले प्रभु श्री राम जी की पूजा करें क्योंकि हनुमान जी प्रभु श्री राम जी के परम भक्त है। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी बातें हनुमान जी जल्दी सुनते हैं।
- सुंदरकांड का पाठ करते समय प्रतिमा के सामने शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं।
- सुंदरकांड का पाठ हमेशा स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके ही करें।
- सुंदरकांड का पाठ हमेशा शांत जगह पर बैठकर करना चाहिए ताकि आपको सुंदरकांड का पाठ करते समय डिस्टर्ब ना हो और सुंदरकांड के श्लोक के अर्थ को आप आसानी से समझ सके।
- सुंदरकांड का पाठ हमेशा ध्यानपूर्वक करें। कुछ लोग सिर्फ पढ़ते हैं उसके अर्थ को नहीं समझते। पर आप बिल्कुल भी ऐसा ना करें, आप ध्यानपूर्वक पाठ करें और उसके अर्थ को समझने का प्रयास करें।
- सुंदरकांड का पाठ करने के बाद आरती करें और भगवान हनुमान जी को प्रसाद का भोग लगाएं।
- सुंदरकांड का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है। लेकिन मंगलवार और शनिवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।