Stone For Meen Rashi: नमस्ते दोस्तों, हमारे इस ब्लॉग में सभी मीन राशि के लोगों का स्वागत है। यदि आपकी राशि मीन है और आप यह जानना चाहते हैं कि stone for meen rashi के बारे में, तो आप सही वेबसाइट पर आए हैं। इस ब्लॉग में आपको मीन राशि से संबंधित पूरी जानकारी मिलेगी। मीन राशि के लिए शुभ रत्न का चयन, उस रत्न के गुण, और उसे पहनने के तरीके पर पूरी जानकारी इस ब्लॉग में उपलब्ध होगी। आपसे अनुरोध है कि आप इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
क्या है राशि रत्न?
राशि रत्न एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति की राशि के आधार पर रत्नों का चयन किया जाता है। हर राशि के लिए अलग-अलग रत्न होते हैं। यदि आपको धन, स्वास्थ्य, पारिवारिक, प्रेम जीवन, सुख और शांति से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको अपनी राशि के अनुसार रत्न धारण करना चाहिए। रत्न को धारण करने से आपको उन सभी समस्याओं से राहत मिलेगी, जिनसे आप पहले जूझ रहे थे।
रत्नों के प्रकार
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, रत्नों की 84 प्रकार हैं। हालांकि, आजकल बहुत से रत्न आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। इसलिए, मुख्य रूप से 9 रत्नों का ही उपयोग किया जाता है। इनमें नीलम, गोमेद, पुखराज, मोती, पन्ना, हीरा, माणिक्य, मूंगा और लहसुनियां शामिल हैं, और इन 9 रत्नों के साथ-साथ उपरत्न भी मौजूद हैं। इन सभी रत्नों का अलग-अलग कार्य और स्वभाव होता है।
कौन होते हैं मीन राशि के जातक
जिन जातकों का जन्म 21 मार्च से 19 अप्रैल के बीच हुआ हो या जिनके नाम दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची अक्षर से होता है, उनकी राशि मीन होती है।
राशि के अनुसार कौन सा रत्न पहनना चाहिए
नंबर | रत्न | गुरु | राशि |
1 | मूंगा | मंगल | मेष और वृश्चिक |
2 | ओपल या हीरा | शुक्र | वृषभ और तुला |
3 | पन्ना | बुध | मिथुन और कन्या |
4 | मोती | चंद्र | कर्क |
5 | माणिक | सूर्य | सिंह |
6 | पुखराज | बृहस्पति | धनु और मीन |
7 | नीलम | शनि | कुंभ और मकर |
8 | गोमेद | राहु | वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ |
9 | लहसुनिया | केतु | वृषभ, मकर, तुला, कुंभ और मिथुन |
मीन राशि वालों को कौन सा रत्न पहनना चाहिए?
मीन राशि के लोगों के लिए “पुखराज रत्न” धारण करना आवश्यक होता है, क्योंकि इस राशि का स्वामी गुरु ग्रह होता है। जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति कमजोर होता है, उन्हें पुखराज रत्न धारण करना चाहिए। यह रत्न धारण करने से उन लोगों का स्वामी बृहस्पति मजबूत होता है और उन्हें आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है।
पुखराज रत्न के बारे में जानकारी
पुखराज एक ऐसा रत्न है जो विशेष रूप से मीन राशि के लोगों द्वारा पहना जाता है। यह रत्न पीले रंग का होता है। यदि आप इस रत्न को पहनना चाहते हैं, तो आपको एक अच्छे ज्योतिषी की सलाह लेने की सिफारिश की जाती है। गलत रत्न पहनने से आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, आपको अपनी राशि के अनुसार सही रत्न का चयन करना चाहिए और इसके लिए केवल एक अच्छे ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए।
पुखराज रत्न के फायदे
- पुखराज रत्न धारण करने से आपको अपने व्यवसाय और नौकरी में उन्नति मिलती है। यदि आपका व्यवसाय धीमा चल रहा है और नौकरी में उन्नति नहीं मिल रही है तो आप इस रत्न का धारण करें।
- जो लोग हमेशा अपने भाग्य को कोसते रहते हैं, जैसे कि मेरा भाग्य मेरे साथ नहीं है, मेरी किस्मत फूटी हुई है, मुझे हमेशा असफलता ही मिलती है इत्यादि, ऐसे लोगों को यह रत्न धारण करना चाहिए, जिससे उनकी सभी समस्याएं खत्म हो सकें।
- जिन लोगों को हमेशा कोई न कोई रोग सताता रहता है, जैसे कि गले संबंधी रोग, सीने में दर्द, हृदय रोग, टीबी, श्वास संबंधी रोग इत्यादि, उन्हें इस रत्न को पहनना चाहिए। इससे उनकी सभी स्वास्थ्य समस्याएं दूर हो सकती हैं।
- शिक्षा और करियर क्षेत्र में भी यह रत्न फायदेमंद होता है। जिन लोगों को शिक्षा में मन नहीं लगता और करियर में सफलता नहीं मिल रही है, उन्हें इस रत्न को पहनना चाहिए। इस रत्न को पहनने से कई लोगों को शिक्षा और करियर क्षेत्र में सफलता मिली है।
- यदि किसी जातक के विवाह में बाधाएं आ रही हैं, शादी की तारीख निर्धारित नहीं हो रही है या लड़की बार-बार मना कर रही है, तो उन्हें पुखराज रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इससे शादी से संबंधित सभी समस्याएं दूर होती हैं।
पुखराज रत्न से जुड़े जरूरी नियम
- पुखराज रत्न को सोने की अंगूठी में जड़कर धारण करना चाहिए। सोने की अंगूठी में रत्न धारण करने से चांदी की अंगूठी की तुलना में कई लाभ प्राप्त होते हैं।
- यह रत्न हमेशा दायीं हाथ की “तर्जनी उंगली” में धारण करना चाहिए।
- रत्न जड़वाते समय आपको यह ध्यान देना चाहिए कि अंगूठी का निचला हिस्सा खुला हो, ताकि रत्न आपकी उंगली से स्पर्श कर सके।
- अंगूठी धारण करते समय गुरु मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- अंगूठी धारण करते समय आपको सिर्फ भगवान का ध्यान रखना चाहिए। अर्थात् आपके मन में कोई भी बुरे विचार नहीं आने चाहिए।
- अंगूठी धारण करने के बाद ब्राह्मणों को दान देना शुभ माना जाता है।
पुखराज रत्न को धारण करने की विधि
- सबसे पहले गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठें और अपने आपको स्वच्छ करें।
- उसके बाद अंगूठी को गंगाजल या दूध से धोएं। चाहे तो आप उस अंगूठे की पूजा भी कर सकते हैं।
- उसके बाद आप अपने घर के मंदिर या किसी नजदीकी गुरु मंदिर में जाकर वहां बृहस्पति के बीज मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” या “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” में से किसी भी एक मंत्र का जाप करते हुए अंगूठी को धारण करें।
FAQ’s:
1) पुखराज किस राशि वालों को पहनना चाहिए?
धनु और मीन राशि
2) पुखराज किस उंगली में पहनना चाहिए?
दाहिने हाथ की पहली उंगली (तर्जनी उंगली) में पहनना चाहिए।
3) पुखराज कितने रत्ती का पहने?
3 से 4 रत्ती का होना चाहिए।
4) असली पुखराज की कीमत क्या है?
असली पुखराज की कीमत 1000 प्रति कैरेट है। यदि आप 3 से 4 कैरेट का लेते हो तो आपको यह लगभग 3 से 4 हजार के बीच पड़ेगा।
5) पुखराज किस राशि के लोग नहीं पहन सकते?
वृषभ, कन्या, तुला, मिथुन, मकर और कुंभ राशि के लोगों को पुखराज रत्न नहीं पहनना चाहिए।
6) पुखराज कितने साल तक काम करता है?
पुखराज की आयु 4 साल की होती है। यदि 4 साल से अधिक है तो आप उसे तुरंत बदल लें।
7) पुखराज का असर कितने दिन में होता है?
पुखराज का असर जल्द से जल्द शुरू होता है। लेकिन कई बार इसका असर देखने के लिए 30 दिन का समय भी लगता है।
निष्कर्ष:
दोस्तों, आज हम पुखराज (Stone For Meen Rashi) रत्न से जुड़ी बहुत कुछ जानकारी प्राप्त की है, जैसे कि पुखराज रत्न क्या होता है, इस रत्न को किस राशि के लोग धारण कर सकते हैं, इस रत्न के नियम, फायदे कौन से होते हैं, साथ ही साथ पुखराज रत्न को धारण करने की विधि क्या होती है, इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त की है। यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।
(Disclaimer: यहाँ बताई गई जानकारी ज्योतिष, पंचांग, मान्यताओं और धर्मग्रंथों से दी गई है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसे अपनाने से पहले अपने नजदीक के कुल पंडित या ज्योतिष से अवश्य संपर्क करें। इसके लिए Astro King जिम्मेदार नहीं रहेगा।)